मल्लिकार्जुन खड़गे और पीएम मोदी के बीच आपातकाल पर तीखी बहस

मल्लिकार्जुन खड़गे और पीएम मोदी के बीच आपातकाल पर तीखी बहस

मल्लिकार्जुन खड़गे और पीएम मोदी के बीच आपातकाल पर तीखी बहस

नई दिल्ली [भारत], 24 जून: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपातकाल पर की गई टिप्पणियों का विरोध किया, और सरकार के पुराने मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने पर सवाल उठाया। खड़गे ने कहा, ‘वह इसे 100 बार कहेंगे। बिना आपातकाल घोषित किए, आप यह कर रहे हैं। आप इस पर बात करके कब तक शासन करना चाहते हैं?’

खड़गे ने मोदी पर संविधान को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया, ‘मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की, इसलिए आज सभी दलों के नेता एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। यहां गांधी की मूर्ति थी। वे सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ रहे हैं, इसलिए आज हम दिखाना चाहते हैं कि मोदी जी, आपको संविधान के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।’

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएम मोदी की आलोचना की, ‘गैर-जीवविज्ञानी पीएम विपक्ष को बता रहे हैं: सामग्री, नारे नहीं। इंडिया उन्हें बता रहा है: सहमति, टकराव नहीं। गैर-जीवविज्ञानी पीएम विपक्ष को बता रहे हैं: चर्चा, विघटन नहीं। इंडिया उन्हें बता रहा है: उपस्थिति, अनुपस्थिति नहीं।’

पीएम मोदी ने नए संसद भवन के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए 25 जून, 1975 से शुरू हुए 21 महीने के आपातकाल की याद दिलाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई पीढ़ी को उस समय को याद रखना चाहिए जब लोकतंत्र को दबा दिया गया था और देश को एक जेल में बदल दिया गया था। मोदी ने राष्ट्र से लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने का आग्रह किया, ‘हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम संविधान के निर्देशों के अनुसार आम लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।’

पीएम मोदी ने निष्कर्ष में विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की उम्मीद जताई, और नारेबाजी के बजाय सामग्री पर जोर देने की आवश्यकता पर बल दिया।

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