दिल्ली कोर्ट ने वकील की याचिका खारिज की
नई दिल्ली में, कड़कड़डूमा कोर्ट ने वकील अश्विनी कुमार सिंह द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका एक मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को चुनौती देती थी, जिसमें 2019 की शिकायत पर मेघना यादव, जो उस समय की पुलिस उपायुक्त थीं, और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी।
मामले का विवरण
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बजपाई ने मामले की समीक्षा की और पाया कि ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि सिंह की शिकायत में आरोपों की स्पष्टता और विशिष्टता की कमी थी।
पृष्ठभूमि
सिंह की शिकायत में दस व्यक्तियों का नाम था, जिनमें पुलिस अधिकारी और अन्य जैसे अधिवक्ता वर्धन गुप्ता और विजय त्यागी शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि उनकी शिकायत को पुलिस स्टेशन में नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने उनके दावों के लिए कोई कानूनी आधार नहीं पाया।
Doubts Revealed
कड़कड़डूमा कोर्ट -: कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली, भारत में स्थित एक अदालत है। यह क्षेत्र में विभिन्न कानूनी मामलों और विवादों को संभालती है।
एफआईआर -: एफआईआर का मतलब प्रथम सूचना रिपोर्ट है। यह एक दस्तावेज है जो पुलिस द्वारा अपराध की सूचना मिलने पर तैयार किया जाता है।
पुलिस उपायुक्त -: पुलिस उपायुक्त पुलिस विभाग में एक उच्च-रैंकिंग अधिकारी होता है जो एक विशेष क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश -: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एक न्यायाधीश होता है जो सत्र न्यायालय में गंभीर आपराधिक मामलों को संभालता है, जो भारत में एक प्रकार की अदालत है।
मुकदमा अदालत -: मुकदमा अदालत वह पहली अदालत होती है जहाँ एक कानूनी मामला सुना और तय किया जाता है। यह साक्ष्य और गवाहों की जांच करके निर्णय लेती है।