सुप्रीम कोर्ट ने असम के सोनापुर में विध्वंस पर रोक लगाई, निवासियों की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने असम के सोनापुर में विध्वंस पर रोक लगाई, निवासियों की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने असम के सोनापुर में विध्वंस पर रोक लगाई

प्रतिनिधि छवि

नई दिल्ली, भारत – भारत के सुप्रीम कोर्ट ने असम के सोनापुर में विध्वंस अभियान पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश 40 से अधिक निवासियों द्वारा दायर याचिका के बाद आया है। निवासियों ने दावा किया कि स्थानीय अधिकारी एक पूर्व अदालत के आदेश का उल्लंघन कर रहे थे, जिसमें बिना पूर्व अनुमति के विध्वंस पर रोक लगाई गई थी।

पृष्ठभूमि

17 सितंबर, 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि बिना अदालत की अनुमति के देशभर में कोई विध्वंस नहीं होना चाहिए। यह आदेश सार्वजनिक स्थानों पर अवैध संरचनाओं या अन्य अदालतों के मौजूदा विध्वंस आदेशों को छोड़कर था।

याचिका

निवासियों, जिनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी कर रहे थे, ने स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने कचुटोली गांव में अदालत के आदेश का पालन किए बिना निष्कासन अभियान शुरू कर दिया था। याचिकाकर्ताओं, जिनमें फारुक अहमद भी शामिल हैं, ने कहा कि वे कई वर्षों से मूल भूमि मालिकों से पावर ऑफ अटॉर्नी के तहत इस क्षेत्र में रह रहे थे।

अदालत का निर्णय

न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने असम सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। अदालत ने सभी पक्षों को अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।

निवासियों के दावे

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि वे दशकों से इस क्षेत्र में शांति से रह रहे थे और स्थानीय जनजातीय समुदायों के साथ कभी विवाद में नहीं पड़े थे। उन्होंने दावा किया कि स्थानीय अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके घरों को विध्वंस के लिए चिह्नित कर दिया था, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन था।

निवासियों ने 20 सितंबर, 2024 को गौहाटी उच्च न्यायालय के एक आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के 2020 के आदेश के अनुसार उनकी प्रस्तुतियों का निपटारा होने तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का विध्वंस पर रोक लगाने का निर्णय सोनापुर के निवासियों को अस्थायी राहत प्रदान करता है। मामला जारी रहेगा क्योंकि अदालत स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के आरोपों की जांच करेगी।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सबसे उच्च न्यायालय है। यह कानूनों और न्याय के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

विध्वंस -: विध्वंस का मतलब इमारतों या संरचनाओं को गिराना है। इस मामले में, यह अधिकारियों द्वारा सोनापुर में घरों को हटाने की इच्छा को संदर्भित करता है।

असम -: असम भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित एक राज्य है। यह अपनी चाय बागानों और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है।

सोनापुर -: सोनापुर असम में एक स्थान है जहां निवासियों को उनके घरों के विध्वंस का मुद्दा सामना करना पड़ रहा है।

याचिका -: याचिका एक औपचारिक अनुरोध है जो किसी प्राधिकरण से किया जाता है। यहां, सोनापुर के निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट से उनके घरों के विध्वंस को रोकने के लिए अनुरोध किया।

स्थानीय अधिकारी -: स्थानीय अधिकारी वे लोग या संगठन होते हैं जो किसी विशेष क्षेत्र, जैसे कि शहर या नगर, का प्रबंधन करते हैं। वे इमारतों और सड़कों जैसी चीजों के बारे में निर्णय लेते हैं।

यथास्थिति -: यथास्थिति का मतलब है चीजों को अभी जैसे हैं वैसे ही रखना। कोर्ट चाहती है कि अंतिम निर्णय तक सब कुछ वैसा ही रहे।

पावर ऑफ अटॉर्नी -: पावर ऑफ अटॉर्नी एक कानूनी दस्तावेज है जो एक व्यक्ति को दूसरे की ओर से कार्य करने की अनुमति देता है। निवासियों ने सोनापुर में इस व्यवस्था के तहत रह रहे हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *